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KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract

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KAVY KUSUM SAHITYA

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जग तेरे शरणाें में आया मेरी मा

जग तेरे शरणाें में आया मेरी मा

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तेरे आँखो का दुलार तेरी संतान, 

तेरे आँचल का प्यार तेरी संतान  

जग आया लेकर अपनी मुराद माँ तेरे द्वार!!

जग तेरे चरणाें आया मेरी माँ 

जग तेरे शरणाें में आया मेरी माँ!!


माँ सबकी भर दे झोली, 

कोई खाली ना जाये, 

कोई सवाली ना जाये खाली, 

तू जग जननी, तू जग कल्याणी, 

जग तारणी माँ , नव दुर्गा माता रानी!!

जग तेरे चरणाें आया मेरी माँ,

जग तेरे शरणाें में आया मेरी माँ!!


तू भय भव भंजक निर्भय कारी दुष्ट संघारी 

छमा, दया, करुणा कि सागर जग तेरी करुणा, 

कृपा  तरस कि दरश में आया मेरी माँ!!

जग तेरे चरणाें आया मेरी माँ,

जग तेरे शरणाें में आया मेरी माँ!!


तू भक्ति कि शक्ति, 

तू मंगलकारी, शुभ संचारी, 

अमंगल हारी 

जग तेरे दर पे दर्शन को आया मेरी माँ !

जग तेरे चरणाें आया मेरी माँ,

जग तेरे शरणाें में आया मेरी माँ !


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