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Dhirendra Panchal

Tragedy

4  

Dhirendra Panchal

Tragedy

जबरी दूध पियावल जाला

जबरी दूध पियावल जाला

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गाढ़े परल समइया हाथे दुब जमावल जाला।

सांसत में लरिका के जबरी दूध पियावल जाला।


जइसे तइसे कटे उमिरिया डेरवावे परछाईं।

कफ़न सरीखा इंतजाम सब कइले बा पुरवाई।

घर अंगना संदूक भयल , बंदूक देखावल जाला।

सांसत में लरिका के जबरी दूध पियावल जाला।


मांसन के व्यापार बढ़ल रोजगार के बहुतै ठाला।

टेक्नोलॉजी बेबस बा रेडिएशन खूब मंडराला।

सरकारी अनुदान के मुँहवा फार के घोंटल जाला।

सांसत में लरिका के जबरी दूध पियावल जाला।


आफ़त में कांपत बा धरती ना केहुवो पतियाला।

जंगल काट के मंगल पर अब जीवन खोजल जाला।

परमाणु हथियारन के खूब शान बघारल जाला।

सांसत में लरिका के जबरी दूध पियावल जाला।


गाढ़े परल समइया हाथे दुब जमावल जाला।

सांसत में लरिका के जबरी दूध पियावल जाला।


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