जैजै श्रीभक्तहनु जय श्रीराम
जैजै श्रीभक्तहनु जय श्रीराम
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
राम भक्ति संपूर्ण कार्य
सांस सांस कण कण
कतरे कतरे बहे खून
भगवान बसे श्रीराम
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
विभीषण की ताना
हनुमान चीरा सीना
दर्शन साक्षात अपने
श्री राम संग जानकी
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
चैत्र काल पूर्णिमा प्रातः
नंदन अवतरित केशरी
आंजेनेय नटखट मारुति
मीठे फल उगते सूर्य समझ
एक ही छलांग पहुंच दौड़े
मुख में रखे फलसूर्य खाने
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
जग छाया अंधियारा
हाहाकार तीनों लोक
किया प्रहार इंद्र घबरा
हनु पर झेले व्रज प्रहार
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
व्रज प्रहार मारुति मूर्तछित
पुत्र दशा क्रोधित देव पवन
प्रवाह रोके वायु प्राणदाई
वायु बिन त्राहि त्राहियाम
हाहाकार समस्त संसार
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
परम पिता ब्रह्म पास
मूर्छा दूर विहीन मूर्छा
दिलखोल पाए दान वर
प्रचन्ड तेज़ भाग सैंवा सूर्य
शास्त्र ज्ञान अध्ययन शक्ति
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
परम दीर्घायु ब्रह्म महात्मा
पवन वेग इक्छित रूप धर
तीव्र गति गति मंद वर इक्षा
व्रज प्रहार अवाध्य अस्त्र शस्त्र
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
व्रज प्रहार हनु टूटा ठोडी
चिरंजीवी नाम हनुमान
भक्ति समर्पण प्रसन्न माता
सीता राम भक्त अमरता
विजय महोत्सव अभिनंदन
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
शिव शिवालय बैगर नंदी
रामदरबार अपूर्ण बिन हनु
108 जपते परम रामभक्त
संकट दूर भूत प्रेत ना आएँ
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
शंकरसुवन धारण व्रज
कठोर व्रज दूत श्रीराम
बलशाली बली श्रीबजरंगी
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
पाताल नगरी पाताल लोक
स्थान पांच दीप पांच दिशा
मां भवानी आशीष वरदान
अहिरावण कैद राम लक्ष्मण
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
वराह मुख उत्तर दिशा
दक्षिण में मुख नरसिंह
गरुड़ मुख पश्चिम दिशा
आकाश ओर मुख हयग्रीव
पूर्व में स्वयं हनुमान रूप
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
पहुंचे धारण पंचमुखी रूप
पंचमुखी पांचों दीप बुझा
बजरंगी वध कि अहिरावण
पंचमुखी विख्यात हनुमान
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
धर्म की रक्षा धर्म स्थापना
चार युगों साथ कर युगांतर
दुर्गा भैरव हनुमान श्रीकृष्णा
अमरत्व चीर दान प्राप्त वर
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
श्रीराम भक्तों धर्म रक्षा
अपार बल शाली वीर
अन्त बलि कलियुग अन्त
विचरण हनुमान जीवित
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम
चारो जगत उजियारा
हनुमान प्रताप सभक्ति
इच्छा भक्ति पाना शक्ति
इंसान को बनना है इंसान
कलियुग अमरत्व प्रतापी
आजन्न्म महादेव ब्रह्मचारी
विशिष्ठ रुद्रा पंडित अवतार
शिरोमणि धुरंधर नीति वीर
जै जै भक्तहनु श्रीकपि
जय सिया जय श्रीराम ।