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Antariksha Saha

Tragedy

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Antariksha Saha

Tragedy

जाती

जाती

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जीने के लिए लड़ना पड़ता है साहब

भूख से रोटी पाने से अपने नीची जाती का होने से

अपना तो जन्म से ही तुम्हें जात नजर आता है

तुमसे ज्यादा मेहनत करते है

पर कोई अच्छे काम से वंचित रखते हो


तुमसे बस यही बात करनी है

रोटी कपड़ा झोपड़े भीख की हमें नहीं चाहिए

हमें शिक्षा चाहिए ताकि बाकी हम खुद कमा लेंगे

तुम कहते हो देश आजाद है

पढ़ हम कहा आज़ाद हुए साहब

हम तो तुम्हारे सोच में कैद है


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