जागो इनसान
जागो इनसान
डर के मारे तुम ना भागो
सुख दुःख झेलो इंसान जागो !
अपना साहस बुलाले वापस
जमावो शक्ति मिलेगी मुक्ति !
दफ़न करो तुम अपने दर्द को
जगाओ अपने अंदर की मर्द को !
अर्थी उठावो अपने घमो का
चिता जालावो अपनी चिंता का !
गोली मारो दुनियाकी बातों का
होली मनावो अपने हिम्मत का !
जल्दबाज़ी से कुछना चलेगा
सबर करेगा तो सब कुछ मिलेगा !
अभी हुआ जो अभी छोड़ दे
जीने की तू राह मोड़ दे !
भूल जा भैया पुरानी बातें
और भी है कुछ दिन और रातें !
आँखों को आसूं में न दबावों
कष्ट की कष्टी से भगवान् को बुलावो !
प्रहार कर तू अपने हार पर
जीत के दिखा कठिनाई पार कर !
हद है तेरा नीला आसमान
आगे बढ़ पूरे कर अरमान !