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Twinckle Adwani

Inspirational

4  

Twinckle Adwani

Inspirational

इतेफाक

इतेफाक

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कैसा इत्तेफाक होता था

बीना कुंडली मिलाएं

रिश्ता टिकता था


देखते थे खानदान

बन जाती थी बहू घर की शान

कैसा जमाना बदला है


हजारों पंडितों के पास जाएं

मिलाते गाड़ी बंगला डिग्रियां कुंडलियां

रिश्ता फिर भी नहीं टिक पाए


सच कहे जीवन इत्तेफाक से नहीं

प्यार, धैर्य, संस्कारों से जिया जाता है।


इतेफाक से मैंने कह दी सच्चाई

बड़ों की सीख काम।


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