इश्क की इबादत
इश्क की इबादत
इबादत करता हूँ इश्क की मैं,
कभी मुझ से दूर मत रहना,
दिल से चाहता हूँ तुमको मैं,
मुझ से नफ़रत मत करना।
इश्क की आग में जल रहा हूँ मैं,
मुझ को घायल मत करना,
दिन रात तड़पता रहता हूँ मैं,
मुझे तुम और मत तड़पाना।
तुम्हारे इश्क का प्यासा हूँ मैं,
प्यास मेरी अब मत बढ़ाना ,
दिल से इंतजार करता हूँ मैं,
ख्वाबों में आकर मत सताना।
छवि तुम्हारी दिल में रखता हूँ मैं,
मुझ को पागल अब मत करना,
मिलन अब पूरा कर दो "मुरली",
बांहों में आकर तुम सिमट जाना।