इशारों इशारों में
इशारों इशारों में
इशारों इशारों में
पता नहीं क्या कह गई
मेरी आंखों को सपने से भर गई
कुछ देर पहले था बड़े सुकून में
वह दिल में कुछ दर्द सा भर गई
मेरा शांत मन हिलोरे लेने लगा
कितने हसीं ख्वाब देखने लगा
इशारे इशारे में वो क्या कह गई
मेरे अरमानों को झोंके दे गई
सतरंगी ख्वाबों में डूबो गई
एक बंजर जमी में प्यार के
कपोल वह ऊगा गई।