इस दुनिया में
इस दुनिया में
इस दुनिया मे जाने कितने रंग है
कही है राजा महान तो कही दुनिया ही तंग है
इस दुनिया मे न जाने कितने दफन राज है
कही श्मशान सी खामोशी तो कही बजते साज है
इस दुनिया में ना जाने बातों के कितने शब्दार्थ है
कही स्वार्थ की सिद्धि तो कहीं परमार्थ की हुंकार है
इस दुनिया में ना जाने कितने दुःखी संसार है
कही है भुखमरी तो कहीं अन्न का भंडार है
इस दुनिया में ना जाने कितनी है अजमाइशें
कही उड़ते हुए सपने कही दबी हुई ख्वाहिशे
इस दुनिया मे जाने कितने रंग है
कही है राजा महान तो कही दुनिया ही तंग है।