इस दिल ने क्या क्या खोया है....
इस दिल ने क्या क्या खोया है....
ए काश कि तुझे ख़बर होती,
इस दिल ने क्या क्या खोया है...
बिन कहे जज्बातों को तुझसे,
अल्फाजों में हमने पिरोया है...
ए काश कि तुझे ख़बर होती,
इस दिल ने क्या क्या खोया है...
सपने देख रैन बिताए,
यारी कहा इसकी थी नींदों से...
टूटे ख्वाबों को ये सजाए,
खाली पड़ी तेरी उम्मीदों से...
रातों से हरदम रुखसत होकर,
खुली आंखों से ये सोया है...
ए काश कि तुझे ख़बर होती,
इस दिल ने क्या क्या खोया है...
हार पर अपनी हंसता रहा,
ये जाल में तेरे फसता रहा...
जो आए गम से सैलाब भी,
पार खुशी से उन्हें करता रहा...
मुस्कान लिए होटों पर अपने,
आखों से छिपकर रोया है...
ए काश कि तुझे ख़बर होती,
इस दिल ने क्या क्या खोया है...
आग के दरिया को तैरकर,
पार करने का था मंसूबा...
मिला जिस तिनके का सहारा,
साथ लिए इसको वो डूबा...
मिले तुझे भी उसका फल,
जो बीज तुमने यहां बोया है...
ए काश की तुझे भी खबर हो,
की तुमने किसको खोया है...
बिन कहे जज्बातों को तुझसे,
अल्फाजों में हमने पिरोया है...
ए काश कि तुझे ख़बर होती,
इस दिल ने क्या क्या खोया है।