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Avinash Kumar Barnwal

Drama Romance Tragedy

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Avinash Kumar Barnwal

Drama Romance Tragedy

इंतजार

इंतजार

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खुद से ही खुद को समझाया जा रहा है,

वो जो अज़ीज थे कभी, भुलाया जा रहा है।


उसके लौट आने की अब उम्मीद तो नहीं है कोई,

फिर भी इस दिल को इंतजार कराया जा रहा है।


मर गया आज आखिरी आशिक़ भी इस शहर का,

देखो, मोहब्बत का जनाजा निकाला जा रहा है।


सिमट के रह गयी है बस जिस्म की चाह तक,

कैसे इश्क़ का तमाशा बनाया जा रहा है।।


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