इंतजार
इंतजार
मैंने
वर्षों से तुम्हारे इंतजार में,
क्या से क्या हो गया,
लेकिन तुमको मालूम नहीं,
तुम जो हो,
मेरी मासूमियत का,
मेरी समझ से,
परे नहीं हो,
मैं जनता था,
तुम मेरी हो नहीं सकती हो,
मगर तुम्हारा इंतजार,
मुझे वर्षों से,
था और रहेगा,
तुम जानती हो,
मै तुम्हे मानता हो,
मेरी साँसों,
मेरी यादों में,
सिर्फ तुम ही तुम हो,
मगर तुम्हारी याद मुझे,
हमेशा तड़पाती है,
काश ये दुनिया,
इतना खुशनसीब ना होती,
ना मै होता ना तुम होती,
ना तड़प होती,
ना आरजू होती,
और ना गुस्तजु होती,
जो ख्वाब दिल में है,
वो दिल ही में दफन हो जाती,
ना जमी होता,
ना आसमां होता,
ना रात होता,
ना दिन होता,
होता तो सिर्फ,
हमारी-तुम्हारी दिलों का,
बेजुबान रिश्ता !