इंसानियत
इंसानियत
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इंसानियत की खातिर इक दिन
मदद का हाथ बढ़ाया था उसने
संचालक ने तब ये कहा था उससे
अनाथ आश्रम में बच्चों की मदद कर
काम बड़ा किया है तुमने पर इतना
पैसा आखिर बताओ दिया कहां से तुमने
कल अखबार में चर्चा होगी इसकी
पर उस उसने बड़ी शांति से उत्तर दिया कुछ यूं
आम खाने से काम रखिए पेड़ गिनते हैं क्यूं।