इजहारे इश़्क
इजहारे इश़्क
देकर गुलाब हाथ में इज़हार कर लिया,
बैठे बिठाये यार ने यूँ प्यार कर लिया।
कैसे मना करूँ बता इस बार यार को-
इस बार दिल मेरा उसे स्वीकार कर लिया।।१
हर रोज़ यूँ ही दूर से ही देखती उसे,
बातें बनाकर हर किसी से पूछती उसे।
रखता ख़याल चाहता सब खैर हो मेरा
सोऊँ न रात जागकर बस सोचती उसे।।२