हवा के बाजार तक
हवा के बाजार तक
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दूध की नदियां कभी बहती रहीं इस देश में।
यार अब तो पानी की भी बोतलें बिकने लगी।
आओ अब पेड़ की कीमत बताएं....
पानी तक तो ठीक था अब हवा बिकने लगी।
सिर्फ घर को था सजाना, जानवर मारे कई।
चिड़ियों की चह चहाहट टेप हो बिकने लगी।
बिक रहा है क्या नहीं अब बताओ तो भला।
वोट भी बिकने लगे और बेटियां बिकने लगी।