हवा का झोंका
हवा का झोंका
मेरी परछाई को तेरा सहारा चाहिए।
ज्वाला ही रहूं,नदियों सा बहूं,
तेरा किनारा चाहिए।
मेरे ख्वाबों को जो बुन रही थी तुम
मेरे संग- संग चलने का तुम्हारा इरादा चाहिए।
तार तार सी जिंदगी की पतवार बन गई हो तो तुम
नाविक जैसा तुम्हारा हाथ चाहिए ।
इस बेदर्द सी कहानी की हमसफर हो जो तुम
मेरी आंखों में तुम्हारा नजारा चाहिए ।
मेरी सांसों की राहगीर बनी हो जो तुम
एक मस्त हवा का झोंका चाहिए।