हुई प्यार की जीत
हुई प्यार की जीत
नज़रें मिली एक दूजे से प्यार हुआ
पसंद मिली हमारी और इक़रार हुआ
बस एक दूजे के हो गए हम
हमें एक दूसरे के बारे में सारी बाते पता थी पर
इस दिल को जात-पात का पता नहीं था
बस उसे देखा और दिल दे बैठें....
ये जाति वाति तो दुनिया समाज के लिए है
उसमें प्यार नहीं आता, ये तो दिल का मामला है
बस फिर शुरू हुई प्यार से शादी का सफर
मानने कहाँ वाले थे एक दूजे के घर वाले
उन्हें तो प्यार से ज्यादा शादी पे भरोसा है
जिसे शुद्ध पारम्परिक विवाह घर वालों की पसंद से जो होती है
खैर हमारा प्यार भी सच्चा था हमने भी मनाने की ठानी
मैं लड़की शुद्ध छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण और लड़का साउथ का अब क्या होगा
सबने कहा शादी तो कर लोगे निभा पाओगे
चार दिन चांदनी फिर यही आओगे
वादा किया था एक दूजे से साथ रहेंगे सदा
निभाएंगे मरते दम तक ना होंगे जुदा
जैसे तैसे मना ही लिया और ही गये हम सदा के लिए एक
शादी के बाद भी मुश्किलें कम नहीं थी
रस्मों रिवाज का अलग होना सबके विचार अलग
पर कहते है जहां प्यार हो वहां सब मुमकिन है
हमने भी सारी रस्में बड़ी ही शिद्दत से निभाई
समाज, परिवार और सब लोग भी हमारे प्यार और
एक दूसरे के प्रति समर्पण को देखकर हमें मन से स्वीकार कर ही लिए
और देखो आज हम एक सफल शादीशुदा जिंदगी बिता रहे है
इसमें माता पिता का पूरा सहयोग रहा जिन्होंने प्यार को समझा और
हमें अपने प्यार को साबित करने का मौका दिया
प्यार अगर सच्चा हो तो जाति भेदभाव कभी आड़े नहीं आते
आखिर में प्यार की ही जीत होती है
प्यार से ही जिंदगी है।