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Hoshiar Singh Yadav Writer

Drama Action Classics

4  

Hoshiar Singh Yadav Writer

Drama Action Classics

होली

होली

1 min
202


आई होली

शोर मचा चारो ओर

होली की आई भोर,

रंग गुलाल डाल लो

चहुं ओर मचा शोर,


कोई पिचकारी लेता

कोई ले रंग गुलाल

पानी की बर्बादी कर

हो गया है बुरा हाल,


काले पीले रंग रंगे हैं

चेहरे लगते जैसे भूत

कोई होली खुशी में

ले रहा शराब के घूट,


बच्चे, बूढ़े और युवा

डाल रहे जमकर रंग

कोई मस्त मस्त चले

पी रहा जैसे हो भंग,


होली फिर आएगी

इस आश में बैठे हैं

कुछ को धन घमंड

बात बात पे ऐंठे हैं।


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