होली
होली


आ ऐसे छुऊँ तुम्हें मैं अबके होली में
कि भूल जाओ तुम उन सभी छुअनों का दर्द
अबके होली में।
प्रेमी की भांति भी, पति की भांति भी छुऊँ तुम्हें
अबके होली में।
कर दूँ सराबोर रंग से प्रियतमा – पत्नी को
अबके होली में।
सुनाऊं तुम्हें मोहब्बत की मीठी तान
अबके होली में।
तुम्हीं में बसे हैं मेरे मन – प्राण
अबके होली में।
बेरंग हो जाता था रंग तेरा हर बार होली में।
चटकदार रहेगा सदा चढ़ जाने देना रंग मेरा
अबके होली में।
आँचल जाने कितनी बार भीगा है तेरा अश्कों से
हर बार होली में।
भीग जाने देना उसे मेरे प्यार की फुहार से
अबके होली में।