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Gurudeen Verma

Abstract

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Gurudeen Verma

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हमारी जान तिरंगा

हमारी जान तिरंगा

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तेरे खातिर हँसते हुए, मिट जायेंगे।

तुमको लेकिन झुकने, नहीं हम देंगे।।

हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा।--2

तेरे खातिर हँसते-------------------।।


एकता के सूत्र में बांधा, तुमने इस देश को।

पहचान तुमने दी है विश्व में, इस देश को।।

हँसते हुए कुर्बान हो गए, जो वीर तेरे लिए।

उन वीरों की निशानी को, नहीं मिटने देंगे।।

हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा।---2

तेरे खातिर हँसते--------------------।।


तू राष्ट्रीय पर्व पर, हर घर पर लहरायेगा।

तू देशप्र

ेम की हर घर, ज्योति जलायेगा।।

कीर्तिमान बनेगा तेरा विश्व में, अबकी बार।

तेरी आन हम मिट्टी में नहीं, मिलने देंगे।।

हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा।--2

तेरे खातिर हँसते-------------------।।


शहीदों की गाथा सुनकर, नम आँखें हो जाती है।

तुझपे बलिदान हुए वीरों की,याद हमें आ जाती है।।

जीवन की खुशियां जिन्होंने, कर दी तुमपे कुर्बान।

अपमान तेरे उन वीरों का, हम नहीं होने देंगे।।

हमारी जान तिरंगा, हमारी शान तिरंगा।----2

तेरे खातिर हँसते--------------------।।


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