हमारे गुरु जी
हमारे गुरु जी
ग्रीष्म में बदामी रंग, कुर्त्ता व श्वेत धोती,
शरद् में भूरा बन्द कोट,साथ में मूँगफली।
साथ में मूँगफली, छीलकर खाते रहते,
हम ज़ोर से पढ़ते,श्री गुरु जी श्रवण करते।
कहै 'प्रभा' पढ़ाते,क्रोध कभी न करते,
विवेक ज्ञान देकर,बुद्धि प्रखर शिष्य की करते।।