हमारा एक साल
हमारा एक साल


तू इस मन को समझती रही ये मन तुझे समझता रहा।
तू अपना हक जताती रही ये मन खुद को तेरा बताता रहा।।
तू इस मन में समाती रही और खुद को इस मन का बताती रही।
अनजान था इस प्यार-व्यार से तू प्यार करना सिखाती रही।।
नहीं चला पता की कैसे इतनी जल्दी बीत गया ये एक वर्ष।
दुआ है मेरी उस खुदा से कि हँसी ख़ुशी बीते हमारा हर वर्ष।।
मिलना चाहे कम हो पाया मेरा तुझसे,
पर कभी दूर नहीं समझा मैने तुझे खुदसे।
नहीं था ऐसा कोई पल जो दूर रहा मैं तुझसे,
बन्धा रहा मैं तेरी चाहत के बंधन में तुझसे।।
तेरा परेशान रहना मुझे कुछ भाता नहीं,
गलत है कि मुझे,तुझे खुश करना आता नहीं।
करता र
हता हूँ कोशिश, मेरी तरफ से कोई तकलीफ न हो तुझे,
पर हाँ,जो मुझे चाहिए थी बस तू है वही।।
थोड़ी सी दूरिया थोड़ी मजबूरियां हैं कि थोड़ा दूर हैं हम,
रास्ते की इतनी दूरी होने पर भी दिल के बहुत करीब हैं हम।
हर समय महसूस होती जी तू मुझे मेरे करीब,
कभी जुदा न हों ऐसा निरंतर प्रयास करते रहेंगे हम।।
तू साथ रहना मेरे मैं साथ रहूंगा तेरे,
मैं हूँ अबतर सा बिन तेरे।
करता हूँ इजहार आज,
मैं हमेशा साथ रहूंगा तेरे,क्या तू साथ रहेगी मेरे.?।।
मैंने मैं लिखा मैंने तू लिखा,
मैं तू लिख के मैंने हम लिखा।
हर दम तक साथ रहेगी तू,
मैंने तुझको ही हम दम लिखा।।