हम तुम
हम तुम
तुम हम,
हम तुम !
हो गये कहाँ गुम ?
इस जीवन की भागदौड़,
रेलमपेल में !
ना आज की ख़बर,
ना कल का ठिकाना !
बंजारो की तरह,
है बस चलते जाना !
तुम हम,
हम तुम !
साँझ ढले,
खिड़की तले !
तुम्हारा आना ,
और फिर सीटी बजाना !
हमारा दीप जलाना,
सोच पुरानी यादें
फिर आँख हुई नम !
तुम हम,
हम तुम !