हम रहें या ना रहें
हम रहें या ना रहें
हम रहें या ना रहें , यह देश रहना चाहिए
देश की खातिर , कुछ कष्ट सहना चाहिए
देशभक्ति है धर्म मेरा , देशप्रेम ही जाति मेरी
वफादारी का गाढ़ा लहू हर रग में बहना चाहिए
ये ना सोचो देश ने , हमें अभी तक क्या दिया
हमने इसको क्या दिया ये विचार रखना चाहिए
जिधर देखो भरे पड़े हैं दुश्मन अनेक देश के
छिपे हुए गद्दारों का अब नकाब उतरना चाहिए
क्या भला है क्या बुरा है सोच समझ के काम कर
काम ऐसा कर कि तिरंगे का रुतबा बढ़ना चाहिए
धन दौलत, काया, ताकत सब यहीं धरी रह जाएगी
दिलों में सबके बस सकें ऐसे ही काम करना चाहिए।