हम लड़के
हम लड़के
हमारी खामोशी हमारी कमज़ोरी ना समझो
हम रोकर भी हँसना जानते हैं,
या यूं कहें कि ज़िन्दगी सब सिखा देती है
उलझे हुए रिश्तों में भी रिश्तों कि एहमियत नहीं भुलाते है
टूटे हुए वादों में भी उम्मीद नहीं गंवाते हम,
भुला दिए जाते हैं हमसे किए हर वादे फिर भी
केसा दिल है हमारा कि बिखर कर खाक हो जाते हैं
मगर मुहब्बत नहीं भुलाते हम।
कभी जो बहक जाते हैं तो
उठ कर संभलना भी जानते हैं
हम अपनों कि इज़्ज़त के लिए
नज़रों को उठाया नहीं करते
सारी ज़िन्दगी एक बोझ लेकर चलते हैं,
कुछ कर गुज़र जाने कि
ज़िद में हम सोया नहीं करते।
वफा से इतना गहरा रिश्ता
बना बेठें हैं कि बे-वाफाइ से महुब्बत कि
सोच तक नहीं रखते।
दिल मे जो बुग़ज़ छुपा हो
उसे निकाल कर खुद से हम अपने
दामन पर कोई दाग़ नहीं रखते।