STORYMIRROR

Tanisha Khattri

Tragedy

4.3  

Tanisha Khattri

Tragedy

हम जब

हम जब

1 min
47


कहीं चले दूर इस जहाँ से

वहां जहना हम हो ऊपर खुदा से.

मिटाए इस दुनिया की दूरियां,

ताकि मिल सके दो दिल जवान से


सपनो की दुनिया में रहते रहते हम कब हकीकत से दूर हो गए ये पता ही नही चला.  

जब हकीकत के करीब आए तो हम कब दूर होगे ये पता ही नही चला.


तन्हाई में आसमान को देखा तो समझ आया,

चाँद भी कहा अकेला है, उसकी न जाने कितने टूटे दिलो से यारी है.

चाँद भी कहा अकेला है, उसकी न जाने कितने टूटे दिलो से यारी है.

फिर भी उसे हमारी कहानी सबसे प्यारी है.


Rate this content
Log in

More hindi poem from Tanisha Khattri

Similar hindi poem from Tragedy