हम गिरे तो गिरे ही रह गए
हम गिरे तो गिरे ही रह गए
हम गिरे तो गिरे ही रह गए
संभाले जिनको आज तक वोह आगे निकल गए
उम्र भर का साथ जिनसे सोचा था वो
वोह मौका परस्त निकले
अपनों की भीड़ हम बेगाने निकले
क़ब्र पर दिए जलाने आए हो
तुमसे जीते जी सहानुभूति नहीं साथ की उम्मीद थी
ज़िन्दगी की बिसाद पर
खुद को बचाने की होड़ मे तेरे हाथ थामने की उम्मीद थी
साथ ना देने की वजहएं बहुत होंगी तुम्हारी
दोस्त वक़्त तेरा चाहिए था
पैसो की दरकार नहीं
अधूरे इस पंक्ति को
किसी अपने की तलाश थी
आज की इस दौर मे
कोई प्रतिद्वंदी नहीं
किसी दोस्त की तलाश थी
हम गिरे तोह गिरे ही रह गए
संभाले हुए थे जिनको आज तक वोह आगे निकल गए।