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Pushp Lata Sharma

Inspirational Children

4.5  

Pushp Lata Sharma

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हिन्द की हिन्दी मधुरतम मत इसे ठुकराइये

हिन्द की हिन्दी मधुरतम मत इसे ठुकराइये

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हिन्द की हिन्दी मधुरतम मत इसे ठुकराइये।

आंग्ल के सँग हिन्दी को उपयोग में अब लाइए 


सूर तुलसी जायसी अज्ञेय की रसखान की।

चंद्रधर हरिवंश भूषण फाजली जिब्रान की।

काव्य की भाषा यही जिसमें लिखे निज ग्रंथिका।

ग्रंथ अनुपम लिख गये हैं छंद अद्भुत मुक्तिका।

एक दिन की है न हिन्दी, हिन्द को समझाइये।

हिन्द की हिन्दी मधुरतम.....।


राष्ट्र माता राज भाषा ये हमारी शान है।

देश की आवाज है यह उपनिषद व्याख्यान है।

विश्व संसृति शुचि सनातन हिन्दी' मंगलकारिणी।

ब्रज अयोध्या धाम की जय , जय भरत उच्चारिणी।

हो रही लज्जित वतन में शर्म कुछ तो खाइये।

हिन्द की हिन्दी मधुरतम.....।


आरती पूजन यही है हास में परिहास में ।

छंद कविता गीत गजलों कृष्ण लीला रास में।

तीज हर त्यौहार हिन्दी में मनाते हैं सभी।

भारती के पाँव छू आशीष पाते हैं सभी।

एक दिन हिन्दी बिना रहकर जरा दिखलाइये।

हिन्द की हिन्दी मधुरतम .....।


हिन्द की महिमा सुपावन भाव की अभिव्यंजना।

अन्य भाषा से सहज स्वीकार्य कोमल भावना।

त्याग कर अन्याय इस पर मतकरो अधिकार दो।

काम हिन्दी में करो शुभ लेखनी उपहार दो।

शीर्ष पर रख ताज जय जयकार भी लगवाइये।

हिन्द की हिन्दी मधुरतम.....।


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