हिमाचल का नज़ारा
हिमाचल का नज़ारा
मेरे हिमाचल का नज़ारा, बड़ा मनमोहक बड़ा प्यारा ।
पहाड़ों की ठंडक , झरनों की कल कल ,
ये फूलों की खशबू , जहां से है न्यारा ,
मेरे हिमाचल का नज़ारा, बड़ा मनमोहक बड़ा प्यारा ।
देवालयों की धरती, ऋषिमुनियों की तपोभूमि ,
सजग हिमालय ताज देश का , ये बलिदानी वीरों की भूमि ,
हरे भरे चीड़ देवदार जहां पर ,
फल फूलों के भण्डार जहां पर,
महक ताज़गी से भर देती, खुशियों का अम्बार जहां पर,
लगता जैसे स्वर्ग का दवारा ।
मेरे हिमाचल का नज़ारा, बड़ा मनमोहक बड़ा प्यारा ।।
सीधे साधे लोग जहां पर ,
मीठे सबके बोल जहां पर,
वैर विरोध कभी न रखते ,
अतिथि देवो भवः का अर्थ समझते ।
मेहनत का है मोल जहां पर ।
परिश्रम , धैर्य , दृढ़ता ने जिनकी ,
पहाड़ों का भविष्य सँवारा ।
मेरे हिमाचल का नज़ारा, बड़ा मनमोहक बड़ा प्यारा ।
आओ कभी मेरे हिमाचल , लगेगा ये जैसे मां का हो आँचल ,
बर्फ की गोदी , सतलुज की धारा , लगती हर पल मौज बहारा।
मेरे हिमाचल का नज़ारा, बड़ा मनमोहक बड़ा प्यारा ।