हद कर दी आपने
हद कर दी आपने
अपने जीवन को महका कर पहुंच गया
मैं वहां अनजाने, आनंद की कोई न थी सीमा जहाँ,
फूलों की टोकरी में लेटा था मैं
नर्म-नर्म पंखुड़ियों से मदहोसी सी छाने को थी,
लग रहा था जैसे मैं पहुच गया हूं परयो के लोक में
गर्व से सीना फूला था जब रानी के
हाथ में हाथ रखे प्रेम के भाव लिए,
उस पर आपने कुछ किया ऐसा की दिल में
एक आह निकल आयी, नींद के सुहाने सफर को
स्वप्न के परम सुख को तोड़कर मेरे जीवन को,
अंधकार बना दिया, हद कर दी आपने,
मुझको कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया।