हौसले
हौसले
हौसलों की आंखें तो सिर्फ मंजिल पर होती है
मुश्किलें तो उनकी हमसफर होती हैं।
दीवारें चाहे कितनी भी ऊंची क्यों न हो
हौसलों की उड़ान है कि उसे पार कर ही लेती है।
गम की कितनी भी ऊंची दीवार क्यों ना हो
हौसलों के आगे उसे टूटना होता है।
खुद को भुलाकर हौसलों संग चलना होता है।