हाइकु-हम अकेले
हाइकु-हम अकेले
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१
हम अकेले
खुद को बहलायें
कोई बताये।
२
व्यथा से अश्रु
नेत्र भर आते हैं
देखता कौन?
३
तुम आकर
अवरुद्ध करो ना
मोहपाश में।
४
कितनी भोली
तुमसे आस लगी
जो कुछ दे ना।
५
ये हवा बही
मैं यहॉं तुम वहॉं
बीच में जहॉं।
६
उस पार ही
हमारा ये मिलन
संभव होता।
७
त्याग दे वैर
समता भाव भर
कर ले सैर।
८
अन्तर्मुखी जो
सदा सुखी रहता
बाहर दु:खी।
९
सुरीला हुआ
प्रथम सुर साधे
संगीत बॉंधे।
१०
संगीत सुर
कोई खाने को न दे
एक कर दे।