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Kamlesh Kumar

Abstract Inspirational

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Kamlesh Kumar

Abstract Inspirational

गुरु महिमा

गुरु महिमा

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गुरुवर आपने मुझे दिया है अच्छे बुरे का ज्ञान,

आपको कोटि -कोटि प्रणाम -2

आपके सानिध्य में सीखा मैं, बनना कैसे महान ।

आपको कोटि-कोटि प्रणाम।।


मैं तो एक अबोध था बालक, अज्ञानी और नादान था। 

घर में ना कोई पढ़ा-लिखा, ज्ञानी ना ही विद्वान था ।

आपने हाथ पकड़ कर पढ़ना-लिखना मुझको सिखलाया ।

कैसे किसी से बोलना और व्यवहार करना भी बतलाया।

आप के कारण जीवन जीना, मेरा हुआ आसान।। 

आपको कोटि-कोटि प्रणाम।।


आपने शिक्षा दी है, कैसे जीवन यापन करना है?

किसी दूसरे प्राणी को, हमें दुख देने से डरना है। 

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बिना कल-छल कपट किए धनोपार्जन कैसे करना है।

सबके हित के बारे में सोचना, सबकी भलाई करना है। 

आपका यह गुरु मंत्र सिखाया, जीवन अनुसंधान ।।

आपको कोटि-कोटि प्रणाम।।


 ऊंच-नीच और छुआछूत का गुरुवर भेद मिट आए थे। 

हम सब ईश्वर की संतान है, गुरुवर आप बताए थे। 

गुरुवर ज्ञान अमृत का घूंट पी-पीकर मैं तो बड़ा हुआ।

आपके ज्ञान की बैसाखी ले, जीवन पथ पर खड़ा हुआ ।

मेरे लिए आप रब से बड़े, यह जीवन आपको दान।।

आपको कोटि-कोटि प्रणाम।।

              


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