गुणगान
गुणगान
मात- पिता से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं महान
बच्चा सबसे अच्छा इंसान बने यही उनका अरमान।
बचपन से ही बच्चों को, वे नैतिकता का पाठ पढ़ाते
जिम्मेदार नागरिक बनें देश के यही सबक सिखलाते ।
उनकी ममता उनका प्यार, देता एक नया आयाम
जरूरत पड़ने पर उनकी डाँट पहुँचाती सुंदर मुकाम।
अपने बच्चों की सुविधा हेतु, हर चीज़ मुहैया करवाते
अपना पेट काट -काटकर बच्चों को सुख दिलवाते।
कितनी भी परेशानी से जूझें, खबर न होने देते
हर परेशानी व दुख जीवन के समभाव सह लेते ।
मात-पिता किसी के न छूटे, हमेशा रहें वे साथ
परिवार हर हँसता- खेलता रहे यही प्रभु से आस।