गुनगुना लो
गुनगुना लो
गुनगुना लो मुझको दीवाने होकर तुम
अभी इन पलों में मैं दीवाना हो चला हूँ।
फरियादी हो गया हूँ फरियाद करते करते
अभी इन पलों में मैं अनजाना हो चला हूँ।
गुनगुना लो…….
फिर ना कभी राय लूँगा में इन दोस्तों की
अभी इन पलों में मैं सब दिलदार खो चला हूँ।
गुनगुना लो ……..
सोच में डूबता रहता हूँ गोता लगाते हुए
अभी इन पलों में मैं सुमानी का किनारा हो चला हूँ।
गुनगुना लो………