गुलाबी छटा
गुलाबी छटा
गुलाबी - शुद्धता और स्त्रीत्व का प्रतिनिधित्व
कमल विराजित सिद्धिदात्री माँ,
बारंबार प्रणाम करूं।
नित दिन तुझको ध्याऊँ औ,
भवसागर को पार करुँ।।
नारीत्व की रक्षा तुम हैं करतीं,
सानिध्य व प्रेम हैं हमको देतीं,
नित-नूतन छवि तेरी देखूँ,
कमल विराजित सिद्धिदात्री माँ,
बारंबार प्रणाम करुँ।।
पवित्रता की पहचान हैं देतीं,
दुःख हमारे स्वयं हर लेतीं,
तुम से ही मन की बात कहूँ,
कमल विराजित सिद्धिदात्री माँ,
बारंबार प्रणाम करुँ।।
रंग गुलाबी प्यारा तुमको,
श्रंगार सदा ही भाता हमको,
माँ तेरा यूँ दीदार करुँ,
कमल विराजित सिद्धिदात्री माँ,
बारंबार प्रणाम करुँ।।
शक्ति-सिद्धि, नवनिधि देती हो,
तुम्हीं दुर्गा तुम ही काली हो,
चरणों में तेरे शीश धरूँ,
कमल विराजित सिद्धिदात्री माँ,
बारंबार प्रणाम करुँ।।