गर्व है मुझे मैं एक नारी हूँ
गर्व है मुझे मैं एक नारी हूँ
कहते है औरत घर का समान होती है
अपने माँ बाप का अभिमान होती है
फिर वही समाज क्यों कहता है बेटी तो पराया धन होती है
आज भी बेटी पैदा होने पर यह कहा जाता है काश एक लड़का पैदा होता
कब यह समाज लड़की होने पर खुश होगा
गर्व है मुझे मैं एक नारी हूँ
तोड़ दूंगी मैं वो ज़ंजीरे जो मुझे यह समाज ने दी है
उड़ जाऊंगी मैं
खुले आसमानों में लगा लो कितनी भी बंदिश
लिखूँगी में अपनी खुद की तक़दीर
परम्परावादी इस दुनिया में जहाँ लड़कियाँ को बोझ समझा जाता है
दिखाऊँगी मैं की क्या कर सकती है नारी
दिखाऊँगी मैं की नारी कुछ भी कर सकती है जब वो किसी चीज़ को ठान लेती है
लिखूंगी में एक नया इतिहास
खोलूँगी में सारे बंद दरवाज़े
हर एक लड़की के लिए जो कुछ बन चाहती है
नहीं डरूँगी इस समाज से
नहीं डरूँगी मैं उस खोखली परंपरा से
लिखूंगी मैं एक नया इतिहास
गर्व है मुझे मैं एक नारी हूँ
इस धरती पर आई हूँ
तो ज़रूर नाम करके जाओगी
हर एक नारी को अपना हक दिलवा के जाओगी
गर्व है मुझे में एक नारी हूँ।