Rajit ram Ranjan

Romance

2  

Rajit ram Ranjan

Romance

गर्लफ्रेंड दो दिन से बात नहीं करती

गर्लफ्रेंड दो दिन से बात नहीं करती

1 min
375


अब जीना दूभर हो गया है

तन्हाई काट खाने को दौड़ती है

बारिश का मौसम भी फीका-फीका

लगता है

ये वक़्त भी बड़ा धीरे-धीरे गुजरता है

जानते हो क्यूँ, नहीं ना, तो सुनो 

गर्लफ्रेंड दो दिन से बात नहीं करती है


बैठे-बैठे यू ही खो जाता हूँ मैं

उसकी यादों में कही भी सो जाता हूँ मैं

खुद को भी भूल जाता हूँ की मैं कौन हूँ, 

हूँ भी या नहीं

तारे गिन-गिन के उँगलियाँ जल जाती है

उसकी याद इस दिल को तिल-तिल

तड़पाती है

पूरे दो दिन से मुझे नींद नहीं आती है

जानते हो क्यूँ, नहीं ना, तो सुनो 

गर्लफ्रेंड दो दिन से बात नहीं करती है


आधी रात को ही लगता है की सबेरा

हो गया है

आँखें खोलता हूँ तो लगता है की

अभी अंधेरा घना है

भूख लगती नहीं, प्यास लगती नहीं,

नींद आती नहीं

ये आग मेरे बदन को जलाती है

हर लम्हा,

हर घड़ी बस वो ही याद आती है

गहरे दिल के ज़ख्म अब मरहम से

भरते नहीं है

जानते हो क्यूँ, नहीं ना, तो सुनो 

गर्लफ्रेंड दो दिन से बात नहीं करती है !



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance