गणित का डर
गणित का डर
गणित का डर हाय,
सबके मन में समाए।
है यह एक जादू;
जो हमको करती है काबू।।
मत कटो भूतसम फार्मूलास के चक्कर,
दो परीक्षा में उसे ज़बरदस्त टक्कर।
तब कहलाओगे तुम वीर,
और माँ देंगी तुम्हे खीर।
ग्राफ़ में होगी सीधी लकीर
समझो खुदको एक फकीर।
करो नहीं समय को नष्ट,
भटक भटक कर भविष्य होगा भ्रष्ट।
यदि करोगे प्रयास रोज़,
सफल होगी तुम्हारी खोज।
परीक्षा एक मकड़ी का जाला,
सफल होने पर मिलेगी फूलों की माला।।