Neer Neer
Abstract
गलती मेरी, पर
शिकायत तुझसे है
यूं ही बिन बात
उलझने की आदत
तुझसे है।
मां....
दवा
नीर
दोस्त....
तुम मुझे पढ़ ...
मुझे पसंद नही...
खूबसूरत
तुम्हारे खत.....
बेख्याली का ख...
सोचो देखो क्या मिलता है नाहक शिव से लड़ने में, किंचित अब उपाय बचा है मैं तजकर शिव हरने सोचो देखो क्या मिलता है नाहक शिव से लड़ने में, किंचित अब उपाय बचा है मैं तजकर ...
ख्वाहिश है नीलगगन में उन्मुक्त उड़ान भरने की l ख्वाहिश है नीलगगन में उन्मुक्त उड़ान भरने की l
शीत में करे संग्रहण ताप में होता हिमद्रवण। शीत में करे संग्रहण ताप में होता हिमद्रवण।
शरद पूर्णिमा के चाँद को देख मन हर्षा अम्बर से होगी आज अमृत वर्षा। शरद पूर्णिमा के चाँद को देख मन हर्षा अम्बर से होगी आज अमृत वर्षा।
भ्रम का शिकार बन गुमराह न हो जाओ, मानव तन जब मिल गया तो मानवता का धर्म निभाओ। भ्रम का शिकार बन गुमराह न हो जाओ, मानव तन जब मिल गया तो मानवता का धर्म ...
ऐ गगन के चाँद आज मत तुम देर लगाना! आज तो साजन ने भी साथ देने का ठाना ऐ गगन के चाँद आज मत तुम देर लगाना! आज तो साजन ने भी साथ देने का ठाना
अमावस की रात जगमग हो और सुबह हो अमावस की रात जगमग हो और सुबह हो
बहुत कराहते हैं हम संसार ने हमें क्या दिया? बहुत कराहते हैं हम संसार ने हमें क्या दिया?
तू निज वृत्ति का स्वामी बन, मन घन तम ना गहन व्याप्त हो। तू निज वृत्ति का स्वामी बन, मन घन तम ना गहन व्याप्त हो।
छुपे मुझमें ही कहीं बनकर मेरी एक अनलिखी_कविता। छुपे मुझमें ही कहीं बनकर मेरी एक अनलिखी_कविता।
लबादा ओढ़े रिश्ता खतरनाक होता है बहुत हीं खतरनाक। लबादा ओढ़े रिश्ता खतरनाक होता है बहुत हीं खतरनाक।
हरियाली प्राणों की बंजर बिन प्रहार जब चुभते खंजर हरियाली प्राणों की बंजर बिन प्रहार जब चुभते खंजर
कभी अभिमान नहीं करती है बस ! अपना झंडा बुलंद करती है। कभी अभिमान नहीं करती है बस ! अपना झंडा बुलंद करती है।
आंधी ने उड़ते-उड़ते कहा देखो पक्षीराज तुम्हारा खेल खत्म हुआ। आंधी ने उड़ते-उड़ते कहा देखो पक्षीराज तुम्हारा खेल खत्म हुआ।
आखिर कब तक मौन रहोगे कब तक यूँ बेचैन रहोगे। आखिर कब तक मौन रहोगे कब तक यूँ बेचैन रहोगे।
राम बनना आसान नहीं, पल-पल मुश्किलों से है सामना, राम बनना आसान नहीं, पल-पल मुश्किलों से है सामना,
प्रतीक जीवंत हो उठे हैं और जीवंतता इतिहास की तरफ सरक रही है. प्रतीक जीवंत हो उठे हैं और जीवंतता इतिहास की तरफ सरक रही है.
चढा रहा श्रद्धा पुष्प तुमको समर्पित कर श्री गुरु चरणों में । चढा रहा श्रद्धा पुष्प तुमको समर्पित कर श्री गुरु चरणों में ।
चाक पर चक्कर में पड़ा मिट्टी का नर्म गोला। चाक पर चक्कर में पड़ा मिट्टी का नर्म गोला।
अब खड़ा हूं अकेला बेहद तन्हा एक सुकून के इंतजार में.........!! अब खड़ा हूं अकेला बेहद तन्हा एक सुकून के इंतजार में.........!!