गजल
गजल
क्यों बैठे हो गाल फुलाकर,
बोलो कुछ तो पास बुलाकर।
तारे तो तुम ला न सकोगे,
नींद दिला दो गोद झुलाकर।
चाहे जितनी दूरी रख लो,
जी न सकोगे यार भुलाकर।
ख़तरों से मुझको डर कैसा,
साथ चलो तुम हाथ मिलाकर।
सूखे फूल बिछे राहों में,
खुशबू से जीवन महकाकर।
उम्मीदों से इश्क करो तुम,
अंगारों का बोझ उठाकर।
सुख मिलने का खो मत 'पूनम',
फुरकत के किस्से बतलाकर।