घर का दरवाजा
घर का दरवाजा
हां
कुछ के लिए दरवाजा ही तो है
पर ये सिर्फ एक लकड़ी का तख्ता नहीं
या रंगसाजी की हुई कलाकारी नहीं।
यह एक इंतजार है
हर शाम को पिताजी का काम से लौटने का
कभी नानी की राह देखने का
डाकिए और पोस्ट का
और किसी आमंत्रण का
तो कभी मेहमानों के स्वागत का।
ये दरवाजा एक सैनिक है
जो एक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है
एक विश्वास से बना दृढ़, अडिग मजबूत है
जिसको बंद करके हम आश्वस्त होते हैं
कभी कभी महीनों तक बाहर चले जाते है
या फिर घर में चैन की नींद सोते हैं।
इसमें त्योहारों की रौनक है
दीवाली में लटकी मालाओं की सजावट
और होली से सने हुए रंगों की मिलावट
धन की लक्ष्मी और घर की लक्ष्मी
और नई जन्मी देवी का प्रवेश मार्ग है
शादी, दावत और उत्सवों में दरबान है
सारी खुशियां इसी से होकर आती है।
यह एक मंजिल है
हाथ फैलाते हुए किसी दीन और फकीर की
एक उम्मीद है किसी फेरीवाले की
आस भरी नजर है कभी सहायता पाने को।
यह एक परदा है गोपनीयता का
समाज में सम्मान और इज्ज़त बनाए रखने का
यह एक दस्तक है सूचनार्थ के लिए
या किसी अनहोनी की आगाह करने का।
यह एक नाम है एक पता है
जिस पर आपकी पहचान अंकित है।
यह दरवाजा एक हैसियत है
ये बताने के लिए आप कौन हो
जो समाज में आपका स्तर दर्शाता है।
यह एक मर्यादा है जीवन की
जिसको लांघने से पहले सोचना पड़ता है
यह एक कवच का महामारी का भी
कि बंद दरवाजे के अंदर सुरक्षित है
कोई बुराइयां जिनसे हम अवगत नहीं हो पाते।
ये दरवाजा छोटा हो बड़ा
महंगा और या सस्ता
इसका काम एक ही है
बीतते हुए हर एक पल का साक्षी है
वक्त के साथ सिर्फ इसके रूप बदलते हैं।
इसका रूप एक तख्ते के ढांचे का हो सकता है
पर वास्तव में ये जीवन का द्वार है
जन्म से मृत्यु तक
हर क्षण हम इसे महसूस करते हैं
क्योंकि अंत में भी
हमें इसी दरवाजे से होकर जाना होता है।