घर घर की कहानी
घर घर की कहानी
शादी के बंधन से परिवार की शुरुआत होती है,
फिर नन्ही सी जान आती है, खुशिओं की बरसात होती है।
धीरे धीरे सब में लगाव बढ़ता है,
समय के साथ एक दूजे से प्यार बढ़ता है।
कभी कभी अपनों के लिए वक़्त की कमी, मजबूरी होती है,
घर को चलाने के लिए नौकरी करनी भी जरूरी होती है।
बच्चे अपना लक्ष्य पाने के लिए दूर जाने से नहीं डरते हैं,
कुछ तो विदेशों में जाकर अपना सपना पूरा करते हैं।
फिर वो अपने पैरों पे खड़े हो जाते हैं,
अपनी एक अलग दुनिया बसा लें, इतने बड़े हो जाते हैं।
दुनिया का ये चक्र ऐसे ही चलता रहता है,
प्यार के आगोश में जीवन फलता रहता है।