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sunayna mishra

Abstract

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sunayna mishra

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ग़रीबी में अमीरी

ग़रीबी में अमीरी

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वो गरीब बालक था। 

नंगे पाँव नेकर बनियान में

रहता था।


लेकिन खेल के मैदान में 

बहुत अमीर था।

क्योंकि उसके पास मैदान 

में खजाना रहता था।


लूटी हुई कुछ पतंग व डोर मंझे का।

और खेल में जीते हुए पंद्रह बीस कंचों का।

कितनी ललचाई आँखें उसे निहारती थीं।

दोस्ती करने के लिए।


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