घायल कईलू
घायल कईलू
कईलू कइसन सिंगार गोरी
कनवा शोभे बाली
बनवलु दीवाना हमरा के
बरछी कटार तोहार नैना।
घायल कईलू हमरा के
पवनवा अँचरा काहे उड़ावत बाड़ू
अँखिया कजरा काहे लगावत बाड़ू
मन मुरझाइल जाता
नैन अझुराइल जाता।
धीरे धीरे दिलवा समाये लगलू
बसी जा दिलवा बाड़े कबसे ई खाली
आवा बना लेई रानी हम तोहरा के
बरछी कटार तोहार नैना।
घायल कईलू हमरा के
सुरतिया तोहार चाँद जईसन चमकेला
सिवा तोहरे हमके केहु नाही लऊकेला
छोड़ी हैमके जइहा नाही।
कबो हमरा भुलईहा नाही
संग नेहिया सनेहिया लगवलु गोरी
मन बगिया के बनिजा गोरी तू माली
चला लूटी जा बहार दुनु बहरा के।
बरछी कटार तोहार नैना
घायल कईलू हमरा के।