गाँव छोड़कर आया हूं
गाँव छोड़कर आया हूं
पेड़ पौधों की दुनिया को हम पीछे छोड़ आये है
तरक्की के चक्कर में अपना गाँव छोड़ आये है
यहां की ज़हरीली हवा से मेरा दम बहुत घुटता है,
पैसे के लिये दूषित हवा फेफड़ों में घोल आये है
यहां पे हमें नहीं दिखते है, पंछी कलरव करते हुए,
हम पंछियों के स्वर को यहां पिंजरे में छोड़ आये है
पेड़ पौधों की दुनिया को हम पीछे छोड़ आये है
तरक्की के चक्कर में अपना गाँव छोड़ आये है
हमे शहर में नहीं दिखती है, खेतों की क्यारियां
हम यहां खेतों की सौंधी महक को भूल आये है
पेड़ पौधों की दुनिया को हम पीछे छोड़ आये है
तरक्की के चक्कर में अपना गाँव छोड़ आये है
गाँव में जिन पंछी, पशुओं को रोजी रोटी मानते है,
उनको शहर के बूचड़खाने में देखकर आये है
भले मेरे पास में पैसा गाँव में बिल्कुल ही न था
गाँव जैसा शुद्ध वातावरण भी तो शहर में न था
जब से अपनी मातृभूमि गाँव को छोड़ा है मैंने
तब से प्रकृति माँ का आँचल नहीं ओढ़ा है मैंने
दोस्त हम शहर में आये थे अमीर बनने के लिये,
पर इस अमीरी के चक्कर में गरीबी छोड़ आये है
पेड़ पौधों की दुनिया को हम पीछे छोड़ आये है
तरक्की के चक्कर में अपना गाँव छोड़ आये है