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Minal Aggarwal

Others

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Minal Aggarwal

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एलियन का सामने पड़ना

एलियन का सामने पड़ना

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किसी को 

इस धरा पर 

गर कोई एलियन मिला तो 

उसे कुछ होगा 

कुछ समय शायद कुछ अचंभित हो 

जाये पर 

फिर धीरे धीरे सब सामान्य हो 

जायेगा 

एलियन के विषय में न जाने क्या 

सोचते रहते हैं लोग 

क्या उनके आसपास एलियन 

जैसे लोग नहीं हैं

एक से बढ़कर एक 

अच्छे, भले और प्यारे 

लोग हैं 

क्या कभी लोगों को 

होती है इतनी फुर्सत कि 

अपने व्यस्त जीवन में से 

कुछ सुकून के पल निकालकर 

उनकी तरफ थोड़ा बहुत देख लें

नहीं करते वह ऐसा कुछ

एलियन की छोड़ो 

आधुनिकता की 

दौड़ में 

आज के युग का आदमी इतना 

स्वार्थी हो गया है कि 

भगवान सामने प्रकट हो 

जायें या 

कोई परी परीलोक से 

पृथ्वीलोक पर 

सामने दिख जाये तो 

कुछ पल को शायद 

देख लें लेकिन 

फिर सब कुछ छोड़ 

अपने तक ही सीमित हो जायेंगे 

आत्म केंद्रित हो जायेंगे 

ठुकरा देंगे इस रहस्यवाद को भी

गर इससे उनका कोई 

फायदा न हो रहा हो तो 

आज का मानव 

अंधा है 

बहरा है 

गूंगा है 

और न जाने कितने ही 

मानसिक विकारों का 

शिकार है 

उसे न कहीं किसी में सुंदरता 

दिखती है 

न कुछ अच्छा सुनने या 

बोलने को राजी है 

पत्थर का बन चुका है 

भावशून्य हो चुका है 

कठोर हृदय का है 

मानवता का अंत हो चुका 

है 

संवेदनशीलता धूल चाट 

रही है 

ऐसी मानव हृदय को चोट 

पहुंचाती 

गंभीर और दुखद परिस्थितियों में

एलियन का 

सामने कभी पड़ना 

इन्हें अचंभित

विस्मित 

आश्चर्यचकित

ऊर्जावान, प्रसन्न चित्त 

या रोमांचित नहीं कर पायेगा।


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