एकता का सबक
एकता का सबक
आओ, पढ़े फिर से एकता का सबक
भूल गए हम एकता की ताकत
याद है तुम्हें-
कैसे छोटे-छोटे प्रांतों में बटा था भारत
इसलिए
कब्जा कर गई अंग्रेज की ताकत।
बस गई हर प्रांत में अंग्रेज की दहशत
सामने खड़ी थी भेदभाव की नजाकत।
कैसे टूटेगी यह अंग्रेज की ताकत ?
सोच रही बैठी सब प्रांतों की ताकत
तब याद आई एकता की ताकत
समझ गए सब प्रांतों के दाता
उनकी जीत की कुंजी 'एकता'।
एकता का बिगुल बजा
टूट गई अंग्रेज की ताकत
भाग खड़ी हुई उनकी दहशत
भारत को मिल गई जन्नत ।
एक कुटुंब-सा बस गया भारत।
आज फिर हम बिखर रहे
मैं-मैं कर अकड़ रहे
कहीं फिर न कोई दबोच ले
स्वतंत्र विचार न छीन ले
चलो एक साथ चले।
अपनी विभिनता में
एकता की ताकत को संजो ले।
चलो फिर,
एक साथ एकता का सबक पढ़े,
चलो एक साथ चलें।