एक तरफा
एक तरफा
एक समय था जब मैं भी किसके लिए मरती थी
हां पता था कि वो नहीं हो पाएगा मेरा
पर उसको पाने कि चाह तो रखती थी
अब वो चाहत मानो एक प्यार में ही बदल गया है
कब कैसे क्या हो जाएगा, ये किसी को नहीं पता हैं
शायद मैं और वो हम हो जाएंगे
क्या पता,
ये प्यार आखिर मैं आँसुओं मैं बदल जायेंगे
पर कुछ भी हो,
उसके लिए मेरी चाहत आगे ऐसा ही बढ़ता रहेगा
और शायद,
मेरा ये प्यार आखिर मैं एक तरफा ही रह जाएगा।