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Ankita Dalei

Abstract

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Ankita Dalei

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एक तरफा

एक तरफा

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​​​​​​एक समय था जब मैं भी किसके लिए मरती थी

​​हां पता था कि वो नहीं हो पाएगा मेरा ​​​​

​पर उसको पाने कि चाह तो रखती थी

​अब वो चाहत मानो एक प्यार में ही बदल गया है

​कब कैसे क्या हो जाएगा, ये किसी को नहीं पता हैं 

​शायद मैं और वो हम हो जाएंगे

​क्या पता,

ये प्यार आखिर मैं आँसुओं मैं बदल जायेंगे 

​पर कुछ भी हो, 

​उसके लिए मेरी चाहत आगे ऐसा ही बढ़ता रहेगा 

​और शायद,

​मेरा ये प्यार आखिर मैं एक तरफा ही रह जाएगा।



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