एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
दिल कहता है, उसे याद कर
मन कहता है, उससे बात कर
धड़कन कहती है, इज़हार कर।
पर लगता है डर, कहीं वो रूठ ना जाए
दोस्ती का ये रिश्ता, कहीं टूट ना जाए
साथ ये हमारा कहीं, छूट ना जाए।
वो रूठ गई तो खुद से रूठ जाऊँगा
दोस्ती जो टूटी मैं भी टूट जाऊँगा
वो छूटी तो मैं भी जिंदगी में
पीछे कहीं पीछे छूट जाऊँगा।
इससे अच्छा है चुप ही रहूँ
दिल की बात उससे न ही कहूँ
एक तरफा ये प्यार उससे
बिन बोले करता रहूँ।।